दोस्ती की बेजोड मिसाल हो टम
ना है कोई कैमी लाज़बब हो तु
नहीं कोई aisa मेरी “दोस्त” जैस
दोसोन मी दोस्ती कि एक अलाग पैहचान हो तू
तुम से बात हो मेरी सुकुन मिल गया है
जब जाति हो अरीफ को कार जाति बेजान हो तुम।
नहीं करने के लिए आदमी तुम्स दरवाजा हो गया का एक दोस्त
मज़बोरीयन से तूरी बहार फारस हो तू
प्यार को देखते हैं जमान का का मैने
दोस्ती मुख्य मुहब्बत की एक अलाग पत्ते हो तुम्
तुम्हाशी दोशी न ही एक बेजान को जांदर बन गया
जिरे हू डोस्ट सम्मेलना सिखाया
नही चुका पागल काभी दोस्त का कर्ज़
किसने प्यार से निम्वा दिया गया दोस्त का फरज़
ग्रिते हुए हलते माई मेड़दगर हो तुम्
दोस्ती किस तरह है बात से भी खरीदार हो तु
-आइरिफ दाना