मट करो हम्साय फिर इटाना,
की काल वक्ता क फैसल पर एफ़ोस हो जाइ,
आप लोगों के लिए,
क्या आप राय या हम खामोश हो जाए,
उसके रोज़ हम नाश्ते मेई हैं या रात गुजर जाति है,
कही रात नाश्ते होोगी या हू गजार जायंगे,
ताही तुममें हमीरैया आइगी
मट करो हम्साय फिर इटाना,
की काल वक्ता क फैसल पर एफ़ोस हो जाइ,
आप लोगों के लिए,
क्या आप राय या हम खामोश हो जाए,
उसके रोज़ हम नाश्ते मेई हैं या रात गुजर जाति है,
कही रात नाश्ते होोगी या हू गजार जायंगे,
ताही तुममें हमीरैया आइगी