तू ने जो चोंक कार उनकी सिथ नीगह की होजी
मेरे हाय डार्ड-ए-मोहब्बत ने सदा दी होजी
ये जो मोती बरस्ते हे, तेरी याद में अक्सासर
बैलून न मेरी आँखों को दुआ दी होजी
झिल्मिलती होयई एक बत जो सोची मीन
मेमो एन ने जाके उस्से ज़रूरबात दी होजी
ज़ीर अया जो कबगी मेरा उस् की की मेहफिल मीन
ख़्फ़ियात मित्ता को उस न बाट घुमा दी होजी
वो रील से गुज़री भी पट्ट के भी ना डेखे
एखिरि उममीड महिज-ए-इश्क की बूज दी होजी
दील साडा तू बारा खुश फहूम हे लेकिन मेमोएन
Uss ने सुरात भी तेरी की की भुला दी होजी
नाम कोई भी ना ले मेरी जिंदगी का येहन
शेहर में Uss ने, ये मा नयी करवा हो गया …