हंटन पे हांसी देख ली दिल के अदर नहीं दीखा,
आप ने मेरे गहमोन का संंदर नाही रेखा,
किटि तलाश सूरत है, तु दुनिया में तुम्हारे हैं,
जी जी के मर्नी वालेो का मन्सर नाही,
शीशय का मकान तू ने बाना लिया है दोस्त,
लेकीन वक्ता के हाथ का कोई नहीं दिखता,
रिशटन के टूटनी का दर्द तुम क्या जानो,
वो ल्हह तुम ने कभी जी करी नहीं दीखा,
भटकी रोशनी की तालाश में ना जीन कहान कहान,
अफसोस के अप्नी रोह के अंदेरे नहीं हैं …