कबी हो क्यूबुलियत की गाडी ना जााने
तुझ में हर दुआ मी मांगना हूं
हो जा तो तुम मेरे और तुमारी
हर पल बास याही अहसास छाती हूं
तुम से हाई की बसा मोहब्बत में न
आपनी सारी जिंदगी टुमरे सांग चौथी हूं
कार्तनी हूं मैं आह युकरा
में तुमसे बसा तुमसे हाय चहती हूं
हक़्क के सथ कहुन में तुम अपना अपन
तुम से बस में आज यहीं रजा छाती हुून …
-रुबिना यास्मीन