जिंदगी न सिखाया हैमीन,
किसी पर उमेडे ना राकाना,
पार रकाना एथर्बर हर कैसी पे ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
अगर तुम कुढ़ को चाओ समलैंगिक,
थो हा कोई कोई लाजी गा ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
तुम को बुरा नाहिन लेजी गा,
अगार देखने वाले सम वाले की नाज़ार से ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
ना रोना यूस पार जो नहीं है तूारा,
जो है तुमारा उस्सी से कुश राहेना ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
नफरत से मोहब्बत करो जीई,
नफ्रैट को मोहब्बत हो जाए गई,
मोहब्बत से नफ्रेट कर जीई के लिए,
मोहब्बत नफ़्रत में बादल जय गे ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
ना धुन करो कुशी को,
ना धुन करो चेन को,
कुशी, चेन धूने से नाहिन मिल्ति,
ये हैं कुढ़ के औरहार, मेहेसोस करदे देखो ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
बवेफा वफा नाहिन सेवक,
वफा करे जो वो बेवफा नहीं हो सकथी ..
जिंदगी न सिखाया हैमीन,
मॉट ने की वाफा को,
जिंदगी को बेवाफ़ा करे दीया ..
जिंदगी ने इटाना सिखाया हैमीन के,
एब नहीं है कोई जिला जिंदगी से