“हम हैंथिए है है वो वो कहती है,
एनहेई आदत है muskuranee की,
पर थम क्या जानू यूँ था,
adat है गम कू chupanee की!
हैमरी असोओ को देख कर वा,
के तुझ तुझ के हैं रॉय हाय नहीं,
पर आप क्या जूं हम असम,
याद मेरे किथनी रथ देखें सोई नहीं है! ”
फ़्लू को पथ़ाद नी लूटा,
हुमे लूटा पेअर ने,
दुनिया मराठी हैम मुंह देखें,
हम को मेरा पतर ने!
फूल दालियु अलगा हू सांते है,
लेकिन सुगंड नहीं देखते!
thum muzh दरवाजा हू rahi हू देखें,
लेकिन मील दिल नहीं देखे!
हे द्वि थेकी येद Ithana bekarar kyo,
जसीनी हैम भूला दीया,
यूका इंटिजर क्यो,
जिन की मोहब्बत साचि होंती हो,
वो कब फरदीद तू है,
जब्न से के ना शाक है,
आँखू से हाई पोर कार्ती है!
-Akbar