कोई पुचे तो साहभी मुंजा क्या है है
भाल आँख मेरी क्यून हैम है ..
मेर संग डुखन के इश खजाणे को
उठे के भूले जने इश्ते ज़माना को ..
कोई तेह हो की संग जिस्क़ हम ..
शुरु करेन दुहराव के इश फ़साने को
एब चोद दो टुम इश दिवानी को।
दिल के जाख तो तुम ये दुनिया देखो कुकू
बच अब क्या है दीखे को
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