जिस ने जुडाई की चबाना को नाही माहसुस की हो
जिस ने दिल ते लिया हो पर अपना दिल नाया हो
वो पयार की कशिश को भला कैसे जान पाये गा
बास इब्स ख़ूबसुरत एहसास से कहो मेहरूम रे जाये गा ..
जिंदगी गुजार राही है उस के खैलोन में
अजीब सी इंक लालाली थी उस्स हसीन के गॉलन मेिन
सोचा था भुल्ज जायंगे उस्ज़ बेवाफा को हम लेकिन
एआईसी भी याद ना एमआईटी साकी देखो इटना सैलान में
बलुआना को च्छप्रभुराया नही,
हम्म पूर्वोत्तर एसएपीएन दामन कुरैया नहा,
जुडा टू ह्यू प्रति मिल्ने की तामना बाखी है,
आईएसआई की तरह डिल किसी या एसई लेगैया नाहि हैं …।
आप बीती हर तरह से बटाया न करो,
दर्ड-ए-दिल हर कैसी को सूनया न करो
लॉग हाट मुझे नामक लुइ गुमते है जखम हर कैसी को चुनिए ना करो …