चेहर पे खुसी है तो क्या हुआ
दिल मे सब से चुपा कर दार्ड जो मस्करा दिये
उस्की हंसी ने तेा आज मुजा रला दीया
लेहजे से उथ राही थी एकड़ का ढूवा
चीरे बाटा रास्ता था की कुं गणवा दीया
आज़ाज मी तेहराओ था अनान्ना मी नेमी था
और के राही थी की मैं ने सब कुछ भीला दीया
जान क्युन यूज़ो लोगुं से थी शिकायतें
तनहियून के देस मी कद को बसा दीया
–चयन जैन