Hamari ankh rahi ashaqbaar barso tak
तुम्हा हामने की इंटज़र बारसे तो
वो शैक्स चूड गया मुझे बीच में खड़खड़ाते थे मुझे
जो बैंकर मेरा राहा जानीर्स बारो तो
भी गम था का उपयोग करेंथोड़ दीन का प्रयोग करें
हमरा भी दिहा रहे हैं बरकरार बार
पाल zapapk का उपयोग बुलन जान नंमकिन
वो जस्का दिल पे भी इिक्तिर बारसो था
बिचात वक्ता जो तुम्हे हैम दीये
हरे वो झखम हू बाबर बोरो तिक …………… !!
Category: Hindi Ghazals
Bahar Se Nafrat Thi..
बहार से नफरत थी,
पर दिल मुझे वो बस था था!
वो पागल सा एक लड़का,
जो देख के मुंह हांस्टा था !!
क्यूं ठुकरा? मँग को उस्की,
सुच के ए अब पतिटी है!
दिल के बदले दिल मंगा था,
सौदा कहानी ज्ञान था!
किस पचह? काईचुछु?
क्यूं नहीं है, अब दिखेये!
रोज़ गजारता था वो idhar से,
उस्का यहीं रास्ता था !!
दर्ड छू कर जीना उस्की,
बहुत पुरानी adat थी!
भीदर-भीतेर रोटा था वू,
बाहर-बहार हांस्टा था !!